Sunday, March 15, 2009

Historical Dharm Rakha Yatra from Ayodhyaji

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5311339.html
अयोध्या से रवाना हुई 12 दिवसीय धर्मरक्षा यात्रा

अयोध्या:- विश्वामित्र की तरह हिन्दू धर्म-संस्कृति की रक्षा का संकल्प लेकर यहां से दो सौ संतों-महन्तों की 12 दिनी धर्मरक्षा यात्रा शनिवार को कारसेवकपुरम से रवाना हो गयी। दो रथों, दो बड़ी बसों व दो दर्जन मझोले वाहनों से निकली यात्रा में शामिल संतों में सरयूपुल से गुजरते समय सन् 90 व 92 के राममंदिर आन्दोलन की स्मृतियां कौंध गयीं। संतों ने न केवल भव्य राममंदिर निर्माण बल्कि इससे पूर्व राष्ट्र निर्माण का संकल्प दुहराया। यात्रा को विहिप मुखिया अशोक सिंघल, धर्मरक्षा मंच अध्यक्ष महन्त ज्ञानदास व रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगोपाल दास ने रवाना किया। इससे पूर्व कारसेवकपुम में हुए संत-सम्मेलन में यात्रा का नेतृत्व बड़ा भक्तमाल मंदिर के महन्त कौशलकिशोर दास को सौंपा गया।

धर्मरक्षा मंच के बैनर तले निकली यह यात्रा गोण्डा, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मुजफ्फरपुर, चम्पारण, मोतिहारी, बक्सर, पटना, गाजीपुर, भदोही, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ होकर 25 मार्च को यहां लौट सम्पन्न होगी। मंच के अध्यक्ष व अखिल भारतीय षड्दर्शन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महन्त ज्ञानदास 18 मार्च को पटना के गांधीनगर मैदान में होने वाले संत-सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसके अलावा वे बक्सर, वाराणसी व लखनऊ की सभाओं के जरिये हिन्दू धर्म-संस्कृति की रक्षा का संदेश देंगे। रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महन्त कमलनयन दास, दिगम्बर अखाड़ा के महन्त सुरेश दास, न्यास के वरिष्ठ सदस्य डा. रामविलास दास वेदान्ती आदि यात्रा में प्रमुख रूप से शामिल हैं। 15 मार्च को विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय महामंत्री डा. प्रवीणभाई तोगड़िया गोरखपुर की सभा में शामिल होंगे। विहिपमुखिया अशोक सिंघल यहां से प्रयाग के लिए रवाना हो गये। उन्होंने कहा कि यात्रा धर्मसत्ता का राजसत्ता के साथ संघर्ष है। देश चाहता है कि अयोध्या में भव्यराम मंदिर बने जबकि सत्ता में बैठे लोग ही इसका विरोध करते रहे हैं। महन्त ज्ञानदास ने कहा कि उनके जीवन का एकमात्र ध्येय हिन्दू धर्म-संस्कृति की पताका पूरे विश्व में फहरा अयोध्या में मंदिर निर्माण करना है। इसके लिए सम्पूर्ण विश्व के संत एकजुट हैं। न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगोपाल दास ने संतों ने जगजागरण के आगे आने का आह्वान किया।
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