Sunday, March 15, 2009

Hindutva Raksha Sankalp

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_5312473_1.html

संतों ने दोहराया हिन्दुत्व की रक्षा का संकल्प

Mar 15, 02:42 am

अयोध्या 14 मार्च : भारत एक आध्यात्मिक राष्ट्र है जिसका साधन धर्म है। हम अपनी इसी पूंजी के बल पर विश्व गुरू कहलाये लेकि न पिछले कु छ वर्षो से इस पर चौतरफा आक्रमण हो रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस षड््यंत्र को देश के लाखों संत-महन्त किसी भी दशा में सफल नहीं होने देंगे।

यह विचार अखिल भारतीय षड््दर्शन अखाड़ा परिषद अध्यक्ष व धर्मरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक महन्त ज्ञानदास ने व्यक्त किया। वे धर्मरक्षा यात्रा को रवाना करने से पूर्व कारसेवकपुरम में हुए संत-सम्मेलन को बतौर अध्यक्ष सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम-लक्ष्मण का पथ प्रदर्शन गुरू विश्वामित्र ने आतंकवाद का नाश किया। इस प्रसंग को ध्यान में रखते हुए संतों-महन्तों को करोड़ों हिन्दुओं में जनजागरण कर उन्हें धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए तत्पर करना होगा। इसी उद्देश्य के तहत शनिवार से आरंभ धर्मरक्षा यात्रा दो दर्जन जिलों से गुजरकर 25 मार्च को अयोध्या लौट सम्पन्न होगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व रामजन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महन्त नृत्यगोपाल दास ने कहा कि संत सावधान नहीं हुए तो हिन्दू धर्म-संस्कृति को बचाना मुश्किल हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण, आतंकवाद, माओवाद सहित अनेक रूप में चल रहे अन्तर्राष्ट्रीय षड््यंत्रों के जरिये हमें नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हनुमान जी का सहारा लेने से ही हमारी विजय होगी और इसमें अखाड़ा परिषद का सहयोग महत्वपूर्ण होगा। विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने धर्मरक्षा मंच के 11 बिन्दुओं को गांव-गांव पहुंचाये जाने की आवश्यकता जतायी।

उन्होंने कहा कि अमेरिका में एक व ब्रिटेन में दो आतंकवादी हमलों के बाद से इन देशों में आतंकी कोई घटना करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं जबकि भारत में इसका सिलसिला तेज हो चला है। उन्होंने कहा कि विहिप संतों के लिए समर्पित है। उन्होंने स्वामी लक्ष्मणानन्द द्वारा उड़ीसा में धर्मान्तरण रोकने पर उनकी हत्या कर जिक्र कर संगठित होने पर बल दिया।

न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा. रामविलास दास वेदान्ती ने आरोप लगाया कि हिन्दू धर्म का अपमान करने के लिए लम्बे समय से षड्यंत्र चल रहा है। हमारे आचार्यो पर झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं। भगवान श्रीराम को काल्पनिक कहा जा रहा है और कलियुगी रामायण का पाठ पढ़ाया जा रहा है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्राचार्य ने षड्यंत्रों का नाकाम करने का सकल्प दोहराया। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वृन्दावन दासदासाचार्य, बड़ा भक्तमाल मंदिर के महन्त कौशलकिशोर दास आदि ने भी सभा को सम्बोधित किया।

संचालन अखिल भारतीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख जीवेश्वर मिश्र ने किया। उन्होंने कहाकि यह यात्रा उत्तर प्रदेश के दो व बिहार के चार प्रान्तों से होकर गुजरेगी। यात्रा में शामिल दो रथ हिन्दू धर्म संस्कृति के प्रतीक के तौर पर शामिल रहेंगे। जबकि धर्म रक्षा मंच का 11 सूत्रीय एजेण्डा गांव-गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस अवसर पर न्यास अध्यक्ष के उत्तराधिकारी महन्त कमलनयन दास, अनी अखाड़ों के प्रधानमंत्री माधवदास, निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्री महन्त अवधेश दास, अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महन्त कन्हैया दास रामायणी, संकटमोचन सेना अध्यक्ष संजय दास, महन्त व्यास दास रामायणी, महन्त सुरेन्द्र दास, महन्त रामकेवल दास, पहलवान इन्द्रदेव दास, मणिराम दास, रामश्ाकर दास रामायणी, रामविलास दास, शिवकुमार शास्त्री, अवध किशोर शरण रामायणी, हेमन्त दास सहित सैकड़ों संतों-महन्तों ने हिन्दू रक्षा का संकल्प लिया। इससे पूर्व कारसेवकपुरम के प्रभारी प्रकाश अवस्थी, विहिप नेताओं में केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम नारायण सिंह, रामफल सिंह, क्षेत्रीय संगठन मंत्री महाबीर, शंभूनारायण, आदित्य, ज्ञान केसरवानी, धर्माचार्य, सम्पर्क प्रमुख, उमाशंकर मिश्र व विहिप के प्रान्तीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

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